दर्द दिलक अहांसँ कहब हम कोना
चोट नेहसँ भरल सहब हम कोना
छोडि असगर जखन दूर रहबै प्रिय
भावमें बिन मिलन बहब हम कोना
ठोरपर चमकैत नव हँसिक मोती
दूर रहिक अहांसँ गहब हम कोना
संग जे नहि देबए अहाँ हमरा
आगु जीवनमें बरहब हम कोना
कहि रहल अछि गजलमें हियसँ 'रवि '
बिन अहाँ प्रिय आब रहब हम कोना
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