Monday, 27 January 2014

Maithili Ghazal:- नैन झुकायल नै जाए . . . .




चाँद के ई अनुप रूप देखते-देखते 
नैन झुकायल नै जाए .मन रोकल नै जाए
दाग चन्ना(MOON)मे होई छै तैयो .
हमर चाँन त' सच मे बेदाग छै

चमकैत लाल गाल देखते-देखते
नैन झुकायल नै जाए . . . .
बोली सरगम सुनाबै यै सदिखन .
केश कारी सँ' झहरैत फुहार छै

मद-मस्त भरल यौवन देखते-देखते
नैन झुकायल नै जाए . . . . .

कोन ठाम सँ' आयल ई परी
आई लुट' लेल दिल के खजाना
अमित बहकल ई तिरछी नजैर सँ'
मन रोकल नै जाए नैन झुकायल नै जाए

BY-AMIT MISHRA

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