एहन रंग लगाबू
जँ लगा सकी ,हे सखी
त एहन रंग लगाबू
जाहि सँ
लाल भ जाए नवका उज्जर साड़ी
हरियर भ जाए बंजर परती
पियर भ जाए गरीबक बेटी कए हाथ
कारी भ जाए दहेज लेब बला कए मुँह
भ्रष्टाचारी अत्याचारी इज्जत बेचै बला कए मुँह
गुलाबी भ जाए बाल मजदुरक गाल
नीला भ जाए अंबर अनंत
बहि जाए बेमौसम बसंत
आम जनता खास भ जाए
राति क चैन सँ मिठगर नीन आबैए
जँ लगा सकी ,हे सखी
त एहन रंग लगाबू
जाहि सँ
लाल भ जाए नवका उज्जर साड़ी
हरियर भ जाए बंजर परती
पियर भ जाए गरीबक बेटी कए हाथ
कारी भ जाए दहेज लेब बला कए मुँह
भ्रष्टाचारी अत्याचारी इज्जत बेचै बला कए मुँह
गुलाबी भ जाए बाल मजदुरक गाल
नीला भ जाए अंबर अनंत
बहि जाए बेमौसम बसंत
आम जनता खास भ जाए
राति क चैन सँ मिठगर नीन आबैए
जँ लगा सकी ,हे सखी
त एहन रंग लगाबू
त एहन रंग लगाबू
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