गजल-५९
लाजसँ लाल भेलौं अहाँ
आँचरिमे नुकेलौं अहाँ
सुनु धड़कै करेजा कते
सोझसँ कात भेलौं अहाँ
लाजसँ लोल दबने मुदा
आंखिसँ बाजि गेलौं अहाँ
कारी आंखि काजर सजल
जानसँ मारि देलौं अहाँ
सुनि "नवलक" सिनेहक गजल
सभके छोड़ि एलौं अहाँ
©पंकज चौधरी (नवलश्री)
٠٠•♥ U & I ♥•٠٠
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