Monday, 27 January 2014

Maithili Ghazal:- एहन रंग लगाबू





एहन रंग लगाबू
जँ लगा सकी ,हे सखी
त एहन रंग लगाबू
जाहि सँ
लाल भ जाए नवका उज्जर साड़ी
हरियर भ जाए बंजर परती
पियर भ जाए गरीबक बेटी कए हाथ
कारी भ जाए दहेज लेब बला कए मुँह
भ्रष्टाचारी अत्याचारी इज्जत बेचै बला कए मुँह
गुलाबी भ जाए बाल मजदुरक गाल
नीला भ जाए अंबर अनंत

बहि जाए बेमौसम बसंत
आम जनता खास भ जाए
राति क चैन सँ मिठगर नीन आबैए 

जँ लगा सकी ,हे सखी
त एहन रंग लगाबू 

Maithili Ghazal:- नैन झुकायल नै जाए . . . .




चाँद के ई अनुप रूप देखते-देखते 
नैन झुकायल नै जाए .मन रोकल नै जाए
दाग चन्ना(MOON)मे होई छै तैयो .
हमर चाँन त' सच मे बेदाग छै

चमकैत लाल गाल देखते-देखते
नैन झुकायल नै जाए . . . .
बोली सरगम सुनाबै यै सदिखन .
केश कारी सँ' झहरैत फुहार छै

मद-मस्त भरल यौवन देखते-देखते
नैन झुकायल नै जाए . . . . .

कोन ठाम सँ' आयल ई परी
आई लुट' लेल दिल के खजाना
अमित बहकल ई तिरछी नजैर सँ'
मन रोकल नै जाए नैन झुकायल नै जाए

BY-AMIT MISHRA

Tuesday, 21 January 2014

Maithili Shayari:- नै हमरा अहाँ याद करै छी!

प्रित में हमरा अहाँ,
किए ऐना बर्बाद करै छी,

नै हमरा सँ बात करै छी,
नै हमरा अहाँ याद करै छी!






Maithili Shayari :- हम अपन मुकद्दर बने लेलों!


दिल के पास मs अहाँकें घर बने लेलों,
ख्वाब में अहाँकें हम बसे लेलों,
जून पुछू कतेक “रवि” चाहैत छैथ अहाँ कें,
अहिंक सभ खता कs हम अपन मुकद्दर बने लेलों!


Maithili Shayari:- ओ एक चंदा के टुकरा छली


 लोग सभ बाजैत छैथ,
जिनका सँ हम प्रीत करैत छी,
ओ एक चंदा के टुकरा छली,

मुदा हुनका सभ कs की मालूम,
जिनका सँ हम प्रीत करैत छी,
चंदा हुनकर एक टुकरा अछि!!



Maithili Shayari:- खोजब अहाँ तें कियो मिल जेता


खोजब अहाँ तें कियो मिल जेता,
मुदा हमरा जोका अहाँकें के सतेता,

मानलों कमी नै अछि अहाँकें संगतुरियाक,
मुदा “रवि” कें जगह कियो कोना लs लेता!


Maithili Shayari:- ख्वाब में अहाँकें हम बसे लेलों..


दिल के पास मs अहाँकें घर बने लेलों,
ख्वाब में अहाँकें हम बसे लेलों,

जून पुछू कतेक “रवि” चाहैत छैथ अहाँ कें,
अहिंक सभ खता कs हम अपन मुकद्दर बने लेलों!


Maithili Shayari:- ऐना नै देखू हमरा देखते रैह जायब

एक नजरक आस में रैह जायब
ऐना नै देखू हमरा देखते रैह जायब,

बेझिझक कहू “रवि” सँ अपन हाल-ए-दिल,
सोचु नै बेसी सोचाब त सोचेते रही जायब ...




Monday, 20 January 2014

Maithili Shayari :- रैतक खामौशी रास नै आबैत अछि...




·     
    रैतक खामौशी रास नै आबैत अछि,
·         हमर छाहों हमरा पास नै आबैत अछि,
·          
·         आबैत अछि खाली याद अहिं कें,
·         जे एलाक बाद कखनो हमरा सँ दूर नै जायत अछि!
·          
·         ---> रवि.